राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स), रांची के कंज़र्वेटिव और एंडोडॉन्टिक्स विभाग द्वारा "World Cons Endo Day" बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर द्वितीय वर्ष के बीडीएस छात्रों के लिए एक विशेष ई-पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और ज्ञान का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र, कलम एवं अन्य प्रोत्साहन उपहार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम की गरिमामयी उपस्थिति
इस विशेष आयोजन में विभाग के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित डॉक्टरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम का नेतृत्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एवं हेड डॉ. बुट्टा विष्णनाथ द्वारा किया गया। उनके साथ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुमित मोहन एवं डॉ. हर्ष प्रियंक तथा असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गौरव कुमार भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर रिम्स डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश एम.बी. ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "कंज़र्वेटिव और एंडोडॉन्टिक्स उपचार आधुनिक दंत चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह केवल दांतों के संरक्षण का विज्ञान नहीं है, बल्कि रोगियों की मुस्कान और आत्मविश्वास को बनाए रखने का एक प्रयास भी है। ऐसे कार्यक्रम छात्रों के ज्ञान और व्यावहारिक दक्षता को बढ़ाते हैं, जिससे वे भविष्य में और बेहतर दंत चिकित्सक बन सकें।"
इस कार्यक्रम में रिम्स के सब-डीन डॉ. प्रशांत गुप्ता ने छात्रों को प्रेरित करने के लिए एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा, "दंत चिकित्सा विज्ञान में नवाचार और तकनीकी उन्नति के साथ खुद को अपडेट रखना अत्यंत आवश्यक है। छात्रों को चाहिए कि वे नई तकनीकों और शोधों से निरंतर जुड़े रहें और अपने कौशल को निखारें।"
प्रतियोगिता और पुरस्कार वितरण
छात्रों की उत्कृष्टता को पहचानने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. नरेंद्र नाथ सिंह सहित निर्णायक द्वारा विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं उपहार वितरित किए गए। कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉ. अमित महुली, डॉ. सुमित मोहन, डॉ. हर्ष प्रियंक, डॉ. गौरव कुमार, डॉ. संतोष कुमार वर्मा थे, जिन्होंने छात्रों की प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया और सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन किया।
निर्णायकों ने छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "आज के युवा दंत चिकित्सकों में जो रचनात्मकता और वैज्ञानिक सोच हमने देखी, वह सराहनीय है। यह प्रतियोगिता न केवल उनके कौशल को निखारने का अवसर थी, बल्कि उन्हें नई चिकित्सा तकनीकों और अनुसंधानों से जोड़ने का भी एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है।"
रोगियों के लिए विशेष सेवा
इस अवसर पर न केवल छात्रों और चिकित्सकों ने भाग लिया, बल्कि आम जनता के हितों का भी विशेष ध्यान रखा गया। मरीजों को मुफ्त टूथपेस्ट और माउथवॉश वितरित किए गए ताकि वे अपनी दंत स्वच्छता का और अधिक ध्यान रख सकें। विभागाध्यक्ष डॉ. बुट्टा विष्णनाथ ने बताया कि, "दांतों की सही देखभाल और नियमित उपचार से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल छात्रों को शिक्षित करना है, बल्कि आम जनता में भी दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।"
वर्ल्ड कंज़र्वेटिव एंडोडॉन्टिक्स डे का यह आयोजन छात्रों, मरीजों और चिकित्सकों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव साबित हुआ। इस कार्यक्रम ने न केवल युवा दंत चिकित्सकों को सीखने का अवसर दिया, बल्कि समाज में दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. सुमित मोहन ने कहा, "भविष्य के दंत चिकित्सकों के लिए ऐसे कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होते हैं। यह न केवल उन्हें विज्ञान और नैतिक चिकित्सा का ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें समाज की सेवा करने की भावना से भी जोड़ता है।"
इस सफल आयोजन के लिए पूरे कंज़र्वेटिव और एंडोडॉन्टिक्स विभाग को बधाई!